करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में ईओडब्ल्यू के शिकंजे में फंसा बिशप पीसी सिंह बाउंसर लेकर चलता है। महंगे कपड़े, महंगी घड़ियां पहनता है और लग्जरी जिंदगी जीता है। उसे लग्जरी कारों पर घूमने का शौक है। कथित तौर पर बताया जा रहा है कि शहर में उसकी कई प्रापर्टी हैं। इसके अलावा विदेश में भी संपत्ति और बैंक खाता होने की भी संभावना है।
बताया जा रहा है कि आर्थक अपराध प्रकोष्ठ की टीम घर में सर्च कार्रवाई पूरी होने के बाद बिशप के कार्यालय में तलाशी शुरू करेगी। इसके साथ ही उसके घर से जब्त किए गए दस्तावेजों के आधार पर संपत्ति का भौतिक सत्यापन भी कराया जाएगा।
खातों की जांच में खुलेंगे कई राज-
सूत्रों की मानें तो ईओडब्ल्यू की टीम द्वारा बिशप के बैंक खातों की भी जांच की जाएगी। किस खाते में कितनी रकम जमा हैं। किस खाते से किस संस्था को, कब और किन कारणों से फंड दिया गया है, इसका भी पता लगाया जाएगा। इससे यह खुलासा हो सकेगा कि आखिरकार विशप ने देश और विदेश की किन-किन धार्मिक संस्थाओं को कितनी रकम और कब और क्यों ट्रांसफर की है।
कौन है बिशप पीसी सिंह-
मूलत: बिहार निवासी पीसी सिंह 1986 में जबलपुर आया था। यहां उसने डायोकेसन कार्यकर्ता के रूप में काम शुरू किया था। स्नातकोत्तर की पढ़ाई रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से की थी। सिंह को 1988 को क्राईस्ट चर्च कैथेड्रल जबलपुर में एक डीकन के रूप में नियुक्त किया गया था। इसके बाद 1990 में सेंट आगस्टीन चर्च बिलासपुर में एक प्रेस्बिटर के रूप में नियुक्त किया गया था। 2004 में जबलपुर के सूबा के चौथे बिशप के रूप में चुना गया। इसके साथ ही एक पादरी के रूप में वह सक्रिय रहा। एससीएमआइ, वर्ल्ड विजन, सीएआरएवीएस, जेसीसी, ईसीएलओएफ, एनसीसीआइ, बीएसआइ जैसे विश्वव्यापी संगठनों में सक्रिय रूप से कार्य किया। जबलपुर के इतिहास में पहली बार बिशप पीसी सिंह को 2017 में चर्च आफ नार्थ इंडिया धर्मसभा के माडरेटर के रूप में चुना गया था। वह कई संस्थाओं में अध्यक्ष, कार्यकारी सदस्य के रूप में सक्रिय रहा।
शहर में करोड़ों की प्रापर्टी-
सूत्रों की मानें तो बिशप पीसी सिंह उर्फ प्रेमचंद्र सिंह की शहर के विजय नगर, कटंगा व नेपियर टाउन जैसे पाश इलाकों में कई प्रापर्टियां हैं। बताया जा रहा है कि बिशप ने शिक्षा के नाम पर सरकार से कुछ जमीन भी ले रखी है, जिसमें उसके द्वारा आलीशान बिल्डिंग बनाकर किराए पर दे दी गई है
शहर के पाश इलाके नेपियर टाउन में भी शासकीय जमीन को लीज पर लेकर बिशप नेे उसे एक बैंक बो और बारात घर के लिए किराए पर देने की बात पता चली है। शालीबाड़ा एवं विजय नगर में भी बिशप पीसी सिंह द्वारा करोड़ों की जमीन पर स्कूल बनाए गए हैं, जिनका मालिकाना हक भी स्वयं के नाम पर रखा है।
बेटे को बनाया प्रिंसिपल-
ईओडब्ल्यू छापे के बाद कथित तौर पर यह बात भी सामने आई है कि बिशप पीसी सिंह ने पद पर रहते हुए अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर अपने ही बेटे पीयूष को एक स्कूल का प्रिंसिपल बना दिया। सूत्रों की मानें तो ईओडब्ल्यू की टीम बिशप के बेटे की नियुक्ति, परिवार की संपत्ति तथा खातों की भी जांच कर सकती है।