कश्मीर में अलगावादियों की आई शामत, हिरासत और नजरबंदी से करेगे हालत काबू में
श्रीनगर: कश्मीर पुलिस की तरफ से ये बतया गया कि, यासीन मालिक को उसके मैसूमा स्थित घर से हिरासत में ले लिया गया है. और उसे कोठीबाग पुलिस थाने में रखा है. वही दूसरी तरफ हुर्रियत के कट्टरपंथी नेता और अध्यक्ष “मीरवाइज उमर फारूक” नजरबंद कर दिया गया है. ( Separatists House Arrest )
क्यों किया गया नज़रबंद?
इधर सैयद अली शाह गिलानी ( हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी समूह के अध्यक्ष ) के नज़रबंदी फैसले को जारी रखा गया. क्योकि इन्होने आम नागरिको की सुरक्षाबलो की गोलीबारी में मौत. एवं पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के विरोध में अलगाववादियों ने गुरुवार को हड़ताल की घोषणा की थी. इसीलिए पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए गिलानी और उमर फारूक को नज़रबंद कर दिया.
क्यों ऐसे कदम उठाने पड़े भारत सरकार को? … जानते है इसके पीछे का सच
अलगावादी सोच : कश्मीर एक भारत का ऐसा नाम जहा से हर भारतीय सीधे दिल से जुड़ा होता है. पर वहा की वादी पिछले कुछ दशको से आतंक के साये में रही है. इसका प्रमुख कारण है वहा के अलगावादी सोच के लोग. वैसे अगर आपकी सोच किसी से नहीं मिलती तो कोई बात नहीं पर उस बात को मनवाने के लिए आतंक का रास्ता चुने. यही से यह सोच अलगावादी आतंक को जन्म देती है.जोकि हम आये दिन कश्मीर में देखते है और इस अलगावाद को और हवा देता है हमारा पडोसी मुल्क क्योंकी इसमे उसका भी फायदा है.
पीडीपी की वादा खिलाफी: कश्मीर में पीडीपी की नेता द्वारा भारत सरकार से यह कहा गया था की सेना रमजान के शुभ माह में पत्थरबाजो और अलगावादियों पर कोई कार्यवाही ना करे. जिसका आश्वासन भारत सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह दोनों ने दिया था. और सेना द्वारा उसे भली-भाति पूरा भी किया गया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने यह भी कह दिया था कि हम भटके हुए वादियों के नौजवानों के खिलाफ सरे केस विड्रा कर लिए जायेगे.
भारत सरकार और सेना ने अपना वादा निभाया
भारत सरकार की इन सब कोशिशो के बाद भी अलगवादी आतंकी बाज नहीं आये और उन्होंने ईद के लिए घर जा रहे सिपाही औरंगजेब को बंदी बनाकर बड़ी निर्ममता पूर्वक मारा और वे शहीद हो गए. इन्ही हालात को देखते हुए पीडीपी और बीजेपी के गटबंधन वाली सरकार में बीजेपी ने अपना समर्थन वापस ले लिया. इसी के ठीक एक दिन बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्य में तत्काल प्रभाव से राज्यपाल शासन लागू करने की मंजूरी दे दी है. जम्मू कश्मीर के राज्यपाल का कार्यभार एन एन वोहरा को सौप दिया गया.